वो मौसम है .... मेरे दिल का टुकड़ा ही , मुझको छलता है ! जैसे कोई मौसम है , जो रोज़ बदलता है ! इक गुनाह माफ़ करती हूँ , आ...
______________________________________________________________" मैंने लिखे हैं , तमाम _ हाइकू /हाईगा /तांका / चोका /सेदोका /सॉनेट और कविताएँ :)"_____ डॉ. प्रतिभा स्वाति" __________________________________ ______________
wlcm jd
" MIT JAYE GUNAHO KA SILSILA IS JAHAN SE....AGAR...HO JAYE YAKIN KE KHUDA DEKHTA HAI..."
जी
wlcm jd
ReplyDelete" MIT JAYE GUNAHO KA SILSILA IS JAHAN SE....
ReplyDeleteAGAR...
HO JAYE YAKIN KE KHUDA DEKHTA HAI..."
जी
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