Tuesday 15 April 2014

बीज स्वप्न का ...



कुछ / छोटा - बड़ा ,
नहीं  होता !
वक्त रुककर ,
खड़ा नहीं होता !

लहलहाती  नहीं ,
फस्ल / बातों  से !
बीज / स्वप्न का ,
कोई क्यूँ नहीं बोता ?

ये / प्रश्नों के ,
परिंदे  हैं !
रातों को ,
नहीं  सोते !

खोजते रहते ,
जवाबों को !
जवाबों के ,
नहीं  होते !
------------------------ डॉ . प्रतिभा स्वाति