वो मौसम है .... मेरे दिल का टुकड़ा ही , मुझको छलता है ! जैसे कोई मौसम है , जो रोज़ बदलता है ! इक गुनाह माफ़ करती हूँ , आ...
______________________________________________________________" मैंने लिखे हैं , तमाम _ हाइकू /हाईगा /तांका / चोका /सेदोका /सॉनेट और कविताएँ :)"_____ डॉ. प्रतिभा स्वाति" __________________________________ ______________
wlcm
हो पूरी चाह !मिले सब कर्म से !दुआ दिलसे ! Best of Luck 4 That.
IK MAHAL HO SAPNO KA :)
FIR ?
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21 march 2013
wlcm
ReplyDeleteहो पूरी चाह !
ReplyDeleteमिले सब कर्म से !
दुआ दिलसे !
Best of Luck 4 That.
IK MAHAL HO SAPNO KA :)
ReplyDeleteFIR ?
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ReplyDelete21 march 2013
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