वो मौसम है .... मेरे दिल का टुकड़ा ही , मुझको छलता है ! जैसे कोई मौसम है , जो रोज़ बदलता है ! इक गुनाह माफ़ करती हूँ , आ...
______________________________________________________________" मैंने लिखे हैं , तमाम _ हाइकू /हाईगा /तांका / चोका /सेदोका /सॉनेट और कविताएँ :)"_____ डॉ. प्रतिभा स्वाति" __________________________________ ______________
चित्र के भाव से मिलती सुन्दर हाइकु latest post कोल्हू के बैलlatest post धर्म क्या है ?
थंक्स सर
धूरि भरे अति शोभित श्याम जू, तैसी बनी सिर सुन्दर चोटी।खेलत खात फिरैं अँगना, पग पैंजनिया कटि पीरी कछौटी।।वा छवि को रसखान विलोकत, वारत काम कलानिधि कोटीकाग के भाग कहा कहिए हरि हाथ सों ले गयो माखन रोटी।।
चित्र के भाव से मिलती सुन्दर हाइकु
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थंक्स सर
Deleteधूरि भरे अति शोभित श्याम जू, तैसी बनी सिर सुन्दर चोटी।
ReplyDeleteखेलत खात फिरैं अँगना, पग पैंजनिया कटि पीरी कछौटी।।
वा छवि को रसखान विलोकत, वारत काम कलानिधि कोटी
काग के भाग कहा कहिए हरि हाथ सों ले गयो माखन रोटी।।