Sunday, 8 December 2013

स्त्री / :)











%%%%%%%%%%%%%%%
स्त्री / और  संकट !
रहते हैं सदा ,
घुलमिलकर !
मिलजुलकर !
 नही छोड़ते ,
दोनों /यूँ ही ,
कभी साथ !
इक़ - दूसरे का हाथ !

वो खिलखिलाती  है !
 रोज़ , / ख़ुद से ,
सारे दुःख छुपाती है !

कभी / अगर ,
आंसू ,आ भी जाते हैं !
बड़ी खूबसूरती से ,
मुस्कुराती है!
 और / फिर / नए
 बहाने बनाती है !

कुछ नही चाहती !
बेटी / बहन / पत्नी / माँ !!
मानिये तो / सचमुच हाँ !!

निभाती कर्तव्य !
लुटाती  प्यार !
अरे ! अब ,
उसे भी दो ,
सम्मान / अधिकार !!
------------------------------ डॉ . प्रतिभा स्वाति
%%%%%%%%%%%%%%%%%%%%

25 comments:

  1. true 100 % . bahuuuuuut khubsurat

    ReplyDelete
  2. wah , aaj page par bhi achcha diya ,mahan kavi ko aadar h ye --
    कुछ काम करो कुछ काम करो
    जग में रहके निज नाम करो
    यह जन्म हुआ किस अर्थ अहो
    समझो जिसमें यह व्यर्थ न हो
    कुछ तो उपयुक्त करो तन को
    नर हो न निराश करो मन को ।
    संभलो कि सुयोग न जाए चला
    कब व्यर्थ हुआ सदुपाय भला
    समझो जग को न निरा सपना
    पथ आप प्रशस्त करो अपना
    अखिलेश्वर है अवलम्बन को
    नर हो न निराश करो मन को ।
    जब प्राप्त तुम्हें सब तत्त्व यहाँ
    फिर जा सकता वह सत्त्व कहाँ
    तुम स्वत्त्व सुधा रस पान करो
    उठके अमरत्व विधान करो
    दवरूप रहो भव कानन को
    नर हो न निराश करो मन को ।
    निज गौरव का नित ज्ञान रहे
    हम भी कुछ हैं यह ध्यान रहे
    सब जाय अभी पर मान रहे
    मरणोत्तर गुंजित गान रहे
    कुछ हो न तजो निज साधन को
    नर हो न निराश करो मन को ।



    ReplyDelete
  3. comment edit kaese karu ?

    ReplyDelete
  4. delet ka option malum h mujhe / bs

    ReplyDelete
  5. fb aur blog me thoda fark h --------- pathak varg ka :v

    ReplyDelete
  6. ओहो ! शुक्रिया सुशील सर

    ReplyDelete
  7. Bahut hi khubasurat prastuti aapki, ,badhai ho, meri hardik shubh kamanaye.....

    ReplyDelete
  8. This comment has been removed by the author.

    ReplyDelete
  9. बहुत बढ़िया , ये सच हैं ॥ नारी तू नारायणी ॥ आदरणीय धन्यवाद

    ReplyDelete
    Replies
    1. wlcm aasheesh bhai / jb tk post par aapki nazar n pade , kuch kami si lagti h :)

      Delete
    2. आदरणीय , आजकल कुछ व्यस्त्ता के चलते ज़रा देर से उपस्थित हो पाता हूँ , लेकिन प्रभु कृपा से सबसे जुड़े रहने की पूरी से पूरी कोशिश करता हूँ , धन्यवाद
      ॥ जै श्री हरि: ॥

      Delete
    3. koi bat nahi / der hi se sahi ------------- swagat h / hamesha aur intezar bhi :)

      Delete
  10. सच कहा है नारी का ...

    ReplyDelete
  11. सर आप तारीफ़ भरे बादल हैं / जब भी आते हैं तारीफ़ बरसती है ! आभार

    ReplyDelete
  12. वाह...बहुत बढ़िया रचना...
    बधाई!!!

    अनु

    ReplyDelete
  13. wlcm / thoda sa vkt lg jaega / ho jaega aapka blog taiyar :)

    ReplyDelete
  14. kuch to gdbd h mere blog par

    ReplyDelete