%%%%%%%%%%%%%%% स्त्री / और संकट !
रहते हैं सदा ,
घुलमिलकर !
मिलजुलकर !
नही छोड़ते ,
दोनों /यूँ ही ,
कभी साथ !
इक़ - दूसरे का हाथ !
वो खिलखिलाती है !
रोज़ , / ख़ुद से ,
सारे दुःख छुपाती है !
कभी / अगर ,
आंसू ,आ भी जाते हैं !
बड़ी खूबसूरती से ,
मुस्कुराती है!
और / फिर / नए
बहाने बनाती है !
कुछ नही चाहती !
बेटी / बहन / पत्नी / माँ !!
मानिये तो / सचमुच हाँ !!
निभाती कर्तव्य !
लुटाती प्यार !
अरे ! अब ,
उसे भी दो ,
सम्मान / अधिकार !!
------------------------------ डॉ . प्रतिभा स्वाति
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true 100 % . bahuuuuuut khubsurat
ReplyDeletethnx aelz
Deleteshandar
ReplyDeletethnx mona
Deletewah , aaj page par bhi achcha diya ,mahan kavi ko aadar h ye --
ReplyDeleteकुछ काम करो कुछ काम करो
जग में रहके निज नाम करो
यह जन्म हुआ किस अर्थ अहो
समझो जिसमें यह व्यर्थ न हो
कुछ तो उपयुक्त करो तन को
नर हो न निराश करो मन को ।
संभलो कि सुयोग न जाए चला
कब व्यर्थ हुआ सदुपाय भला
समझो जग को न निरा सपना
पथ आप प्रशस्त करो अपना
अखिलेश्वर है अवलम्बन को
नर हो न निराश करो मन को ।
जब प्राप्त तुम्हें सब तत्त्व यहाँ
फिर जा सकता वह सत्त्व कहाँ
तुम स्वत्त्व सुधा रस पान करो
उठके अमरत्व विधान करो
दवरूप रहो भव कानन को
नर हो न निराश करो मन को ।
निज गौरव का नित ज्ञान रहे
हम भी कुछ हैं यह ध्यान रहे
सब जाय अभी पर मान रहे
मरणोत्तर गुंजित गान रहे
कुछ हो न तजो निज साधन को
नर हो न निराश करो मन को ।
comment edit kaese karu ?
ReplyDeletedelet ka option malum h mujhe / bs
ReplyDeletefb aur blog me thoda fark h --------- pathak varg ka :v
ReplyDeleteसुंदर !
ReplyDeleteओहो ! शुक्रिया सुशील सर
ReplyDeleteBahut hi khubasurat prastuti aapki, ,badhai ho, meri hardik shubh kamanaye.....
ReplyDeletethnx mohan sr / abhar
DeleteThis comment has been removed by the author.
ReplyDeleteinka reply delet show ho raha h
Deleteबहुत बढ़िया , ये सच हैं ॥ नारी तू नारायणी ॥ आदरणीय धन्यवाद
ReplyDeletewlcm aasheesh bhai / jb tk post par aapki nazar n pade , kuch kami si lagti h :)
Deleteआदरणीय , आजकल कुछ व्यस्त्ता के चलते ज़रा देर से उपस्थित हो पाता हूँ , लेकिन प्रभु कृपा से सबसे जुड़े रहने की पूरी से पूरी कोशिश करता हूँ , धन्यवाद
Delete॥ जै श्री हरि: ॥
koi bat nahi / der hi se sahi ------------- swagat h / hamesha aur intezar bhi :)
Deleteसच कहा है नारी का ...
ReplyDeleteसर आप तारीफ़ भरे बादल हैं / जब भी आते हैं तारीफ़ बरसती है ! आभार
ReplyDeletethnx yash ji
ReplyDeleteवाह...बहुत बढ़िया रचना...
ReplyDeleteबधाई!!!
अनु
thnx anu ji
Deletewlcm / thoda sa vkt lg jaega / ho jaega aapka blog taiyar :)
ReplyDeletekuch to gdbd h mere blog par
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