Monday, 13 January 2014

मैं / भूली नहीं हूँ




        आग / आंधी / तूफ़ान !
      सब कर रहे  हैं /
 अपना  काम !

------------------------ मगर / मै 
                      भूली  नहीं  हूँ !
                   शाम को -----

 देहरी  पे दिया रखना !
सूरज को विदा करना !

-------------- चाँद को / हैं / अब भी 
कुछ गिले / शिकायतें !
वो  आता है / कभी !
कभी नही आता !
----------------------------- डॉ . प्रतिभा स्वाति


  



19 comments:

  1. ww
    nc animation with nc poetry

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  2. are wah nice animation & nc poety

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  3. very good ji , thnx
    ॥ jay shri hari ॥

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  4. मकर संक्रांति की शुभकामनाऐं !
    बहुत सुंदर !

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  5. सटीक प्रस्तुति-
    आभार आदरणीया--

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  6. Sundar, Makar sankranti ki hardik Subhkamnaayein.

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