Tuesday 26 April 2016

रंगों का सफ़र ...




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एक सिक्के के दो पहलू होते हैं ___ विपरीत या पर्याय ? विपरीत ही होते होंगे ! यदि एक से होते तब वे एक ही पहलू में एक साथ रह सकते हैं !
ऐसा कुछ राजनीती के सन्दर्भ में हम नहीं कह सकते , इसका ये मतलब नहीं कि सिक्का खोटा है , हाँ ये सिक्का वहां नहीं चलता , सवाल उठता है फिर वहां क्या चलता है ? नोट ? वोट ? खोट ? आखिर क्या ? सिक्के की मार्फ़त मेरा मकसद  पाठक को 2 से तमाम तक लाना था :)
______________ देखिये मैं कोई अर्जुन तो हूँ नहीं , की चिड़िया की आँख पे ही सीधा निशाना साधुं ! उसके लिए कठोर तप और गुरु कृपा की दरकार है . इसलिए हो सकता है मैं  निशाना साधूं ,और चिड़िया उड़ जाए !  जंगल के ढेर सारे रंग से दृष्टि वृत्त को सूक्ष्म करते -करते अर्जुन चिड़िया की आँख पर ठहर गए होंगे _ जहां बस दो रंग होंगे , श्वेत और श्याम ---------------- ये प्राथमिक रंग हैं ! सिक्के के एक तरफ़ के रंग , दूसरी तरफ़ इन्द्रधनुष होगा ? तमाम रंग होंगे ? ये जिज्ञासा जब चाह में बदलती है तब हम दूसरी तरफ़ आते हैं ! यदि अपेक्षा पूरी नहीं होती तब फ़िर लौट आते हैं उन्ही 2 रंगों में ! वो दो रंग हो सकते हैं , दो रिश्ते हो सकते हैं . दो लोग हो सकते हैं ! मेरी कहानी में भी दो ही लोग हैं __ माँ और बेटी . जो जीवन के लम्बे समय सिक्के के एक पहलु में दिखाई देते हैं और कहानी खत्म होने तक सिक्का थम जाता है __________ ये क्या ? इधर माँ - उधर बेटी ?
___________________________________ डॉ . प्रतिभा स्वाति
























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