वर्ण पिरामिड को हाइकू जैसा कहा जाए तो हाइकू के साथ बड़ा अन्याय होगा . इसकी तमाम वजहें हैं जिनपर विचार किया जाना ज़ुरूरी है . जैसे सित्तौलिया में बच्चे सात पत्थर जमाते हैं ,लगभग कुछ उसी तरह ...... यहाँ वर्ण की जमावट 7 लाइन में होती है .खेल के लिहाज़ से ये अच्छा है :)
__________________________ 1
न
देखे
कहीं भी
दिशाहीन
यश का लोभ
भ्रम में पड़ा है !
अधर में खड़ा है !
_______________________2
हाँ
दवा
कड़वी
सच जैसी
पर जरूरी
व्याधि से न डर
करे दवा असर
____________________ 3
क्यूँ
वक्त
करता
नष्ट यूँ ही
लेकर तुला
तौलकर कह !
न आवेश में बह !
_____________________ 4
है
यश
पिपासा
मिले थोड़ा
भरे कटोरा
निरा अभिमानी !
इनसान अज्ञानी !
____________________
__________________ डॉ . प्रतिभा स्वाति
_____________________________5.
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न
देखे
कहीं भी
दिशाहीन
यश का लोभ
भ्रम में पड़ा है !
अधर में खड़ा है !
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हाँ
दवा
कड़वी
सच जैसी
पर जरूरी
व्याधि से न डर
करे दवा असर
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क्यूँ
वक्त
करता
नष्ट यूँ ही
लेकर तुला
तौलकर कह !
न आवेश में बह !
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है
यश
पिपासा
मिले थोड़ा
भरे कटोरा
निरा अभिमानी !
इनसान अज्ञानी !
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__________________ डॉ . प्रतिभा स्वाति
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