Friday, 19 February 2016

यमाताराजभानसलगा












______________________ याद आया कुछ ? कक्षा  ६ , विषय हिंदी , व्याकरण की किताब का छंद वाला पाठ . तब भी कठिन था और अब भी कठिन है :)
----------- ' यमाताराजभानसलगा ' ये आठ गण याद करने का अचूक मन्त्र / मुझे याद है और इसी के दम पर न सिर्फ उन आठ गणों के नाम बल्कि उनमे जो लघु दीर्घ का क्रम है वो भी :) आपको बता दूँ की ३ मात्रा के समूह को 'गण' कहते हैं ! मात्रिक या वर्णिक छंद की रचना करनी हो तो , बिना गणना के काम नहीं चलता .
------------ इस सन्दर्भ में उपलब्ध जानकारी , इसी post के कमेंट्स में देती रहूंगी , आज इतना ही 
____________________ डॉ. प्रतिभा स्वाति   

Wednesday, 17 February 2016

total earning / us$ 260


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     जी हाँ , प्रमाण आपके सामने है ! पर वस्तुस्थिति अब भी स्पष्ट नहीं है -------- लेकिन इतना तो तय है कि तमाम वेबसाइट सिर्फ़ clik और visit के दम पर बना  रहे हैं अपना पैसा और लोगों को सब्ज़बाग दिखाकर बनाया जा रहा है मूर्ख !

Thursday, 11 February 2016

इंसान कम ही बचे हैं ...




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देकर 
दो निवाले 
दान में !
कुछ 
पुण्य के 
अरमान में !

चल पड़ा 
इनसान यूँ !
पल रहा 
अभिमान यूँ !

हाय / हम 
देना
 प्रकृति से 
सीख लेते !
निरुपाय हम 
कब तलक
इन्सान ही से
भीख लेते !

इक सदी से 
चल रहा 
रोना 
गरीबी का सतत !
कौन / किसको 
है मिटाता ?
पास किसके 
इतना  'बखत ' !

चल रहा 
जबसे धरा पर 
अधिकार का 
अभियान है !
इन्सान 
कम ही बचे हैं 
गरीबों की नसल
बचे धनवान हैं !

देना  महज 
पाप धोने के लिए है !
लेना /सतत
और लेने के लिए है !

हे प्रभु ,
संसार में बस
दो ही रिश्ते बचे हैं !
क्या ये इंसान
सचमुच 
तुमने ही रचे हैं ?
_______________________ डॉ. प्रतिभा स्वाति