Wednesday, 18 December 2013

fb से / कुछ post

            तब  मुझे हिंदी type  करना  बहुत  मुश्किल लगता था ! लेकिन  ख़यालों को ज़ाहिरात  k मौके मिल  ही जाते  हैं / मुझे  भी मिले :)   
       

     पर  ये खयाल / रात  ही को क्यूँ मचलते हैं ? fb पर off लाइन  रहकर मै लिखती थी / तब भी , और अब भी !




     11 मार्च को इसी ब्लॉग की स्थिति बयाँ करती ये पोस्ट भी  मुझे आज fb पर मिली !



       
          सीखने की ललक कभी कम  नहीं होती ! अब  मै सीख  रही हूँ स्निपिंग / कोई  भी काम नेक इरादों से किया जाए ! पूजा  की मानिंद ! तो  इबादत , इबारतों में तब्दील  होते कितनी  देर लगती है ? plz अपनी letest पोस्ट का link देते जाइये ! thnx 
----------------------------------  डॉ . प्रतिभा स्वाति
   

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