तर्क ----- ये वो शब्द है , जिससे तमाम शब्दों के तन्तु ,प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से जुड़े हैं . जैसे तर्क का अर्थ ,अभिप्राय ,जन्म ,इतिहास ,परिभाषा ,शास्त्र ,इससे जुड़े लोग ,इसका कार्यक्षेत्र ,इसके प्रभाव , परिणाम और ज़ुरूरत !इसके सबसे नज़दीक जो शब्द है / वो है ' कुतर्क ':)
भारतीय दर्शन में / प्रमाणशास्त्र की विषयवस्तु में ,तर्कशास्त्र शामिल है . इसके प्रवर्तक ' अरस्तु ' हैं , ऐसा माना जाता है . सुकरात और प्लेटो के नाम भी जुड़े हैं . मार्गन और बूल (ये अंग्रेज़ गणितग्य थे ), जिन्होंने इस क्षेत्र में अपना योगदान दिया .
कुल मिलाकर तर्कशास्त्र कोई हल्की - फ़ुल्की चीज़ नहीं है ,जिसकी चर्चा यूँ ही चलते -फिरते , चाय /पान के साथ की जा सके . लेकिन , आम आदमी इसकी चपेट में आता रहता है ! वह निरुत्तर हो जाता है ! किसलिए ? क्या तर्क का सम्बन्ध शिक्षा / प्रत्युतपन्नमति / चिन्तन या गहन अध्ययन से है ?
गणित से है ? सिद्धांत और विश्लेषण से है ?
भारतीय दर्शन के परिप्रेक्ष्य में , इसका सम्बन्ध न्याय शास्त्र से है ! इसीलिए खूब चलते हैं तर्क के तीर/तलवार .न्यायालय में ! तर्क दोधारी तलवार है ! तर्क का सम्बन्ध , सच -सही -न्यायसंगत होना चाहिये ( नैतिक और सैद्धांतिक तौर पे )
-------------------- कई विषय ऐसे हैं --- जिन्हें मैं , समझना और समझाना चाहती हूँ ! छूना चाहती हूँ ! जिनमें डूबना चाहती हूँ ! जिनके प्रवाह में बहना चाहती हूँ ! जिनपर चर्चा करना चाहती हूँ ! विषयवस्तु , मुक्तक की तरह बिखरी पड़ी है , मस्तिष्क में ! उसे इज़हार का हक़ है ! फर्ज़ मुझे ललकारते हैं , मेरी कविताई और कल्पनाशीलता को कोसते हैं, यदि ------- चिन्तन / स्रजन /ध्यान बाधित हों तो !
जिन भी विषयों को छुआ है / वक्त मिलते ही उन्हें edit करूंगी ! या comment में अपनी बातें पूरी लिखूंगी / जिससे लेखन के ज़रिये वो पूरी तस्वीर सामने आए ! जो आने वाली नस्लों को विस्तृत वितान देने का वादा भले ना करे , पर मंज़िल तक पहुँचाने वाली , पगडंडी साबित हो !
-------------------------- जारी
-------------------------------------- डॉ. प्रतिभा स्वाति
भारतीय दर्शन में / प्रमाणशास्त्र की विषयवस्तु में ,तर्कशास्त्र शामिल है . इसके प्रवर्तक ' अरस्तु ' हैं , ऐसा माना जाता है . सुकरात और प्लेटो के नाम भी जुड़े हैं . मार्गन और बूल (ये अंग्रेज़ गणितग्य थे ), जिन्होंने इस क्षेत्र में अपना योगदान दिया .
कुल मिलाकर तर्कशास्त्र कोई हल्की - फ़ुल्की चीज़ नहीं है ,जिसकी चर्चा यूँ ही चलते -फिरते , चाय /पान के साथ की जा सके . लेकिन , आम आदमी इसकी चपेट में आता रहता है ! वह निरुत्तर हो जाता है ! किसलिए ? क्या तर्क का सम्बन्ध शिक्षा / प्रत्युतपन्नमति / चिन्तन या गहन अध्ययन से है ?
गणित से है ? सिद्धांत और विश्लेषण से है ?
भारतीय दर्शन के परिप्रेक्ष्य में , इसका सम्बन्ध न्याय शास्त्र से है ! इसीलिए खूब चलते हैं तर्क के तीर/तलवार .न्यायालय में ! तर्क दोधारी तलवार है ! तर्क का सम्बन्ध , सच -सही -न्यायसंगत होना चाहिये ( नैतिक और सैद्धांतिक तौर पे )
-------------------- कई विषय ऐसे हैं --- जिन्हें मैं , समझना और समझाना चाहती हूँ ! छूना चाहती हूँ ! जिनमें डूबना चाहती हूँ ! जिनके प्रवाह में बहना चाहती हूँ ! जिनपर चर्चा करना चाहती हूँ ! विषयवस्तु , मुक्तक की तरह बिखरी पड़ी है , मस्तिष्क में ! उसे इज़हार का हक़ है ! फर्ज़ मुझे ललकारते हैं , मेरी कविताई और कल्पनाशीलता को कोसते हैं, यदि ------- चिन्तन / स्रजन /ध्यान बाधित हों तो !
जिन भी विषयों को छुआ है / वक्त मिलते ही उन्हें edit करूंगी ! या comment में अपनी बातें पूरी लिखूंगी / जिससे लेखन के ज़रिये वो पूरी तस्वीर सामने आए ! जो आने वाली नस्लों को विस्तृत वितान देने का वादा भले ना करे , पर मंज़िल तक पहुँचाने वाली , पगडंडी साबित हो !
-------------------------- जारी
-------------------------------------- डॉ. प्रतिभा स्वाति
बढ़िया है कुछ हमें भी मिलेगा सीखने को :)
ReplyDeleteoh ! आप से , हम जैसे 'सीख' लेते हैं सर / :)
Deleteबढ़िया व सुंदर लेखन , आदरणीय धन्यवाद !
ReplyDeleteI.A.S.I.H - ब्लॉग ( हिंदी में समस्त प्रकार की जानकारियाँ )
आभार / आशीष भाई :)
Deleteइसी बहाने कुछ जनने को मिलेगा ...
ReplyDelete:) wlcm sr
Deleteachh soch hai
ReplyDeleteबहुत ही बढ़िया।
ReplyDeleteसादर
thnx
Deletethnx
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