एक आम पाठक , जो व्याकरण की जद्दोजहद में नहीं पड़ता ! काव्य को पसंद करता है . उसे फर्क समझ में आता है ---- गद्य और पद्य का ! कविता और अकविता का ! पहचान लेता वो ---- दोहे और चौपाई !
कोई शब्दों की धार पसंद करता है / तो कोई भावों का प्रवाह . कोई सम्वेदना के सम्प्रेषण को अपनी अनुभूति के इज़हार की तरह ग्रहण करता है , तो कोई .............
काव्य / हर देश में, हर भाषा में लोकप्रिय रहा . हर काल में ! हम कह सकते हैं . कमोबेश , हर हाल में कवि ने अपने दायित्व के निर्वाह की कोशिश की है ! विदेशी काव्य को , बड़ी आत्मीयता से स्वीकारा - सराहा और स्रजित किया है !
जापान के हाइकू / हाईगा /टंका / सेदोका / चोका हों ! या फिर ----------------------- ' सॉनेट '
-------------------------- जी हाँ ! ये भारत के नहीं / पर हमारे काव्यजगत में लिखे और सराहे गए ! सॉनेट का विभाजन / उसकी रचनात्मक भिन्नता के अनुसार 4 भागों में ही किया गया ! शेक्स्पिरियन सॉनेट के बाद ------------------- 5 वे स्थान पर / स्व. त्रिलोचन जी को रखा जा सकता है , उन्होंने 550 से ज्यादा सॉनेट लिखे , हिंदी में !---------------------------- जारी....
डॉ. प्रतिभा स्वाति
कोई शब्दों की धार पसंद करता है / तो कोई भावों का प्रवाह . कोई सम्वेदना के सम्प्रेषण को अपनी अनुभूति के इज़हार की तरह ग्रहण करता है , तो कोई .............
काव्य / हर देश में, हर भाषा में लोकप्रिय रहा . हर काल में ! हम कह सकते हैं . कमोबेश , हर हाल में कवि ने अपने दायित्व के निर्वाह की कोशिश की है ! विदेशी काव्य को , बड़ी आत्मीयता से स्वीकारा - सराहा और स्रजित किया है !
जापान के हाइकू / हाईगा /टंका / सेदोका / चोका हों ! या फिर ----------------------- ' सॉनेट '
-------------------------- जी हाँ ! ये भारत के नहीं / पर हमारे काव्यजगत में लिखे और सराहे गए ! सॉनेट का विभाजन / उसकी रचनात्मक भिन्नता के अनुसार 4 भागों में ही किया गया ! शेक्स्पिरियन सॉनेट के बाद ------------------- 5 वे स्थान पर / स्व. त्रिलोचन जी को रखा जा सकता है , उन्होंने 550 से ज्यादा सॉनेट लिखे , हिंदी में !---------------------------- जारी....
डॉ. प्रतिभा स्वाति
सुंदर जानकारी ।
ReplyDeletethnx sr :)
Deleteअच्छा लगा जानकर।
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