रात की रानी ....
सुनती नहीं !
वो महकती रही !
कहती रही !
धुली चांदनी रातें !
सुनके बातें !
कहती क्या आखिर !
मिलके फिर !
राज़ कुछ गहरे !
स्याह पहरे !
इशारों - इशारों में !
सुनें तारों ने !
कहने को कह गई !
चाह थी रह गई !
----------------------- चोका : डॉ . प्रतिभा स्वाति
बढ़िया व सुंदर रचना , आ. धन्यवाद !
ReplyDeleteI.A.S.I.H - ब्लॉग ( हिंदी में समस्त प्रकार की जानकारियाँ )
thnx
Deleteबढ़िया ।
ReplyDeletethnx sr
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