शीशमहल
शीशमहल !
कैद राजकुमारी !
विपदा भारी !
क्या है ? शीशे के पार !
बड़ी लाचार !
देखे तो है / सबको !
क्यूँ / दिखे न / किसीको !
ये मायाजाल !
किसे कहे निकाल ?
कैसा समय-चक्र ?
है शनि -वक्र !
दिन -बहुरे !
फिर खिला आकाश !
लो टूटा नागपाश !
--------------------------- चोका : डॉ . प्रतिभा स्वाति
बढ़िया रचना , प्रतिभा जी धन्यवाद ! ツ
ReplyDeleteI.A.S.I.H - ब्लॉग ( हिंदी में समस्त प्रकार की जानकारियाँ )
wlcm / speed n hone se , aapka blog open hota h , comment nahi kar pati / m v sry
Deleteबहुत सुंदर ।
ReplyDelete:) aabhar
Deleteलाजवाब
ReplyDelete:)
Deletekahani jaesa . wah
ReplyDeletethnx
Deletehttp://drpratibhasowaty.blogspot.in/2014/05/blog-post_18.html
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