वो मौसम है .... मेरे दिल का टुकड़ा ही , मुझको छलता है ! जैसे कोई मौसम है , जो रोज़ बदलता है ! इक गुनाह माफ़ करती हूँ , आ...
______________________________________________________________" मैंने लिखे हैं , तमाम _ हाइकू /हाईगा /तांका / चोका /सेदोका /सॉनेट और कविताएँ :)"_____ डॉ. प्रतिभा स्वाति" __________________________________ ______________
wah
thnx :)
जीवन भी इन्ही सारे व्यूहों से निकलने का अभ्यास करने का मौका देती है. सब की युक्तियाँ अपनी-अपनी.
u r rt sr
महाभारत से व्यूह रचना के सुन्दर चित्र पहली बार देखे यह ब्लाँग अन्य ब्लाँगों से अलग हैं।http://savanxxx.blogspot.in
thnx / आभार :)
wah
ReplyDeletethnx :)
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ReplyDeleteजीवन भी इन्ही सारे व्यूहों से निकलने का अभ्यास करने का मौका देती है. सब की युक्तियाँ अपनी-अपनी.
ReplyDeleteu r rt sr
Deleteमहाभारत से व्यूह रचना के सुन्दर चित्र पहली बार देखे यह ब्लाँग अन्य ब्लाँगों से अलग हैं।
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thnx / आभार :)
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