Saturday, 16 January 2016

मन अनाथ है ....




 घर को , समाज - संसार को ,
सचमुच कुछ ,  सुधार चाहिए !
मन हुआ अनाथ बच्चे जैसा ,
कुछ  रिश्ते  उधार चाहिए !
______________________ डॉ. प्रतिभा स्वाति


4 comments:

  1. JAISI BHAVNA, WAISI PAAVNA. Jaisi karni, waisi bharni .. Mun tou pagal hai jaisi bhakti, waisi shakti ..

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  2. बहुत सुन्दर...

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