Sunday 21 February 2016

ज़माना बदल गया है :)

1 comment:

  1. Published on Feb 21, 2016

    एक वाक्य जो कभी असत्य या अप्रासंगिक नहीं होता - ' ज़माना बदल गया है "
    सच तो ये है कि बदलाव प्राक्रतिक है और सहज अस्वीकार बहुत स्वाभाविक :)
    समझदारी समय के साथ सामंजस्य स्थापित करने में है ! जो काम पहले कागज़ पर होते थे / अब नेट के ज़रिये हो रहे हैं ---------- जी / ज़माना बदल गया है :)
    ----------------------------------- डॉ . प्रतिभा स्वाति

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