Thursday, 28 July 2016

ना हरिण का दोष है .....

 ना  हरिण  का  दोष  है  ,
ना  जज  साहिब  का  दोष !
कलयुग  का सब खेल है ,
कइसे  रहिता  होश  !

कइसे रहता  होश,भैय्या 
सब  पइसन   की  माया !
माया   ही  भगवान  है ,
बाकी   सब  बिसराया  !

_________________डॉ.प्रतिभा स्वाति     



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