Wednesday, 19 October 2016

चाँद शरमा गया .....

:)



  आसमां ने लगा दिया डिठौना 
   और चाँद आ गया संवर कर !

आरती लिए आ गईं सुहागिने ,
देखिये अपने घरों की छत पर !

ज़रा देर से आया ,सकुचाया भी 
मुझे देखकर ज़रा मुस्काया भी !

सब सो गए  लगा बतियाने  चाँद
मुझे सुलाने के खोजे बहाने चाँद !

अच्छा पूछूं इक बात बताओगे ?
जाने क्यूँ लगा सकपकाने चाँद !

बताओ  मावस पे कहाँ जाते हो ?
सवाल सुनके लगा शरमाने चाँद :)
__________________________ डॉ.प्रतिभा स्वाति



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