छवि तुम्हारी !
कान्हा कुञ्ज - बिहारी !
मैं बलिहारी !
_____________ १७१७ में जब जापान में हाइकू की शुरुआत हुई तब 'उस ' प्रष्ठभूमि से प्रभावित होना स्वाभाविक था ! किन्तु ये बात भारत में जब १९१९ में हाइकू में लिखे गए तो उन पर लागू हो , ये कतई ज़ुरूरी नहीं था ! मैंने कृष्ण पर १०० से ज़ियादा हाइकू / हाईगा और haiga animation लिखे :) शिव मेरे ईष्ट हैं ,उनपर भी तमाम 3 लाइन ( हाइकू ) लिखी ......अब / वक्त आ गया है की उन्हें तांका / सेदोका और चोका बनाकर अपनी अभिव्यक्ति को पूर्णता दूँ :)
_________________
tnks kapil
ReplyDeleteWari jau tere roop par .....o mere shayam......hu neiyochavar main tujh par o mere ghanshyam
ReplyDeletewah dear apne to kanha ji ka bhi man moh liya
ReplyDeletenc / manisha
ReplyDeleteachcha -------------bhoop / sade ka index kaesa h
ReplyDeletewah dear apne to kanha ji ka bhi man moh liya
ReplyDeleteaajao blog per madam ji
ReplyDeleterup thumara
ReplyDeletehai nav nit nyara
taaranhaar
darsh ko traste
nyan barambaar...
rt kapil
ReplyDelete