कुछ पुराने ड्राफ्ट आज edit कर रही हूँ ! कई ब्लॉग पर पृष्ठभूमि सफ़ेद रखी जाती है , तब ' कॉपी -पेस्ट ' की हुई सामग्री का पता बमुश्किल चल पाता है :)
_____________ सच कहूँ तो ईमानदारी पर अंगुली न उठे / किन्तु श्रम बचा लेने में कोई बुराई नहीं :) वक्त भी बच जाता है :)
____________ शायद , यही वो वजह रही कि , कहानीकार होते हुए भी मैने ब्लॉग बनाया भी तो ' हाइकू ' के लिए :)
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सवालों से घिरे लोग ,
सवाल / ज़ुरूरी हैं :)
सवाल / ज़ुरूरी हैं :)
सवाल ही बन जाते हैं .
और /जवाब,
मिल नहीं पाते हैं .
और / फिर/जब,
जवाब ,
मिलते हैं ,तो
जाने कैसे वो भी,
Budhi Atma ke adheen he aur bhavna ka sanyog hone se hi us me gati ati he .. Atumsammohan se paye mun ki shanti .Haiku ke blog me aap bahut kuch keh deti hain, samjhne ke liye budhi chahiye . apne pathko \ parshansko ke swal aur haiku me prashno ke pratiprashan ka jaruri sakratamk jwab aap ke hi paas he ..
ReplyDeleteआभार / अभिनन्दन :)
Deleteजीवन का सत्य और मर्म यही है
ReplyDeleteजी सर
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