वो मौसम है .... मेरे दिल का टुकड़ा ही , मुझको छलता है ! जैसे कोई मौसम है , जो रोज़ बदलता है ! इक गुनाह माफ़ करती हूँ , आ...
______________________________________________________________" मैंने लिखे हैं , तमाम _ हाइकू /हाईगा /तांका / चोका /सेदोका /सॉनेट और कविताएँ :)"_____ डॉ. प्रतिभा स्वाति" __________________________________ ______________
वो ख्वाब में भी आ जाये तो उड़ जाती हैं नींद ...ये बात और कि अब नींद ही नहीं आती...बिन छुए छू गया कोई.....बस यूँ ही....
achcha :) j d
खुद पे हंसे !जमाने से उपर !जिए मजेसे !
khud hi mitenaaj karne waalemuskurane se
वो ख्वाब में भी आ जाये तो उड़ जाती हैं नींद ...
ReplyDeleteये बात और कि अब नींद ही नहीं आती...
बिन छुए छू गया कोई.....बस यूँ ही....
achcha :) j d
ReplyDeleteखुद पे हंसे !
ReplyDeleteजमाने से उपर !
जिए मजेसे !
khud hi mite
ReplyDeletenaaj karne waale
muskurane se