वो मौसम है .... मेरे दिल का टुकड़ा ही , मुझको छलता है ! जैसे कोई मौसम है , जो रोज़ बदलता है ! इक गुनाह माफ़ करती हूँ , आ...
______________________________________________________________" मैंने लिखे हैं , तमाम _ हाइकू /हाईगा /तांका / चोका /सेदोका /सॉनेट और कविताएँ :)"_____ डॉ. प्रतिभा स्वाति" __________________________________ ______________
vo to sambhalega..magar..,कर्म उत्तम !प्राप्त करले शक्ति !हो बलवंत !
wlcm sr
parents ho ya tree, unki chaya hamesa sukun dete hai........
vo to sambhalega..magar..,
ReplyDeleteकर्म उत्तम !
प्राप्त करले शक्ति !
हो बलवंत !
wlcm sr
ReplyDeleteparents ho ya tree, unki chaya hamesa sukun dete hai........
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