जब जापान ने हाइकू की शुरुआत की
तब तकनीक इतनी विकसित कहाँ थी , कि इस तरह के haiga बन पाते !
आज हम समर्थ हैं .
मैं लकीर पीटने में यकीन नहीं करती /
भले हमारे हाइकू जगत में ख़ुद को पुरोधा मानने वाले इसे haiga न स्वीकारे !
किन्तु यह है तो haiga ही ------------
इसे haiga animation कहिये / या ' आधुनिक हाईगा '
------------------------------- डॉ . प्रतिभा स्वाति
wow......kya baat hai.........aati sunder.....mazza aa gaya...
ReplyDeleteachcha j d
DeleteSHUBH SANDHYA DI..PICTURE SHOW NAHI HO RAHA HAI..SHAYAD MOBILE SE HUN ISI LIYE..TAKE CARE..
ReplyDeleteWOOOOOOWWWW BWAUTIFUL POSE WITH NICE WORDS..SUPERB POST..DI..
ReplyDeletethnx अशोक भाई
ReplyDeletevery good Pb
ReplyDeleteआप सभी का आभार / तहेदिल से
ReplyDeletewlcm
ReplyDeletewowwwww"""" $uperb..fantastic..mindblowing..mam"...
ReplyDeletebaht sundar .. badhayi ..waise american haik society ne haik ko kayi khando me vibhajit kiya huya hai unme ek vedio haiga bhi hai .. :)
ReplyDeletehmmm / india me experiment hua ho to link do neh
Deleteबढियां है .. खूबसूरती तो अक्सर माया ही होती है :)
ReplyDeletethnx neeraj
Deleteजी सर /is पर मै अपना no msg कर dungi
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ReplyDeleteयह हैगा तो और खुबसूरत है -अति सुन्दर
latest post नसीहत
thnx sr / aapko mob no diya h --------aapke blog par ---------8 se 9 rat vah mob mae uthati hu
ReplyDeleteNICE
ReplyDeletethnx अंकित
ReplyDeletethnx 2 all
ReplyDeletemilte hn sabhi ko ,
ReplyDeleterishto'n k beej !
bote hn sabhi !
par bahut kam ,
ab / is jahan me ,
panpte hn ---
madhur / manohari
gahre aur
sthai rishte !
-------------------------- Dr. prtibha sowaty
' आवाज़ '
ReplyDelete-------------------
वे !
घूमती हैं !
सकल / सम्पूर्ण ,
ब्रम्हाण्ड में !
अमर /शाश्वत ,
सत्य बनकर !
म्र्त्युलोक में ,
प्राणमय /अद्भुत् ,
'ध्वनिपुन्ज '
पीछा करता है ,
स्वच्छन्द /सतत !
----------------------------------- डॉ . प्रतिभा स्वाति
zindgi ----
ReplyDeletezindgi / samndar me ,
ik lahar ban gai h !
vakt k pahiye par ,
ghumkar / bas
aath pahar ban gai h !
hadso ko dekha tb ,
laga ye kaher ban gai h !
hoti hogi tere liye amrat ,
usne kaha,zaher ban gai h !
---------------------------------------- Dr. prtibha sowaty
is post k comments me mae apni kuch kavitae dungi
ReplyDeleteटंका : डॉ . प्रतिभा स्वाति
ReplyDelete--------------------------------------
बिखेर गए !
सूरज और चाँद !
सोना औ चांदी !
धरा ने हरियाली !
आ गई ख़ुशहाली !
नई नस्ल है ! हैं सच्चे सपूत !
ReplyDeleteओह ! कौन इन्हें भरमाता है ?
पथ-प्रदर्शक / बड़ा या बुज़ुर्ग ,
क्यूँ 'आदर्श ' नही बन पाता है ?
------------------------------------ जारी
--------------------------------------------- डॉ .प्रतिभा स्वाति
इश्क के क़िस्से !
ReplyDeleteमोहब्बत / तराने !
तेरे फ़साने !
सुकूं इबादत में !
है मेरी आदत में !
---------- . प्रतिभा स्वाति
nc comments
Deleteकौन था !
ReplyDeleteवो शख्स / जो ,
अपना / भूल गया था ,
आपा / और
उसकी आँखों में ,
बस इक़ ख़्वाब ,
बसा करता था !!!
न इश्क- वफ़ा ,
न दीन-ओ-इमान !
जब भी निकलते ,
थे / लफ्ज़
लोग सुना करते थे ,
बस ...एक ही जुनूं,
वो / आठो पहर ,
----' इन्कलाब '--
कहा करता था !!!
------------------------ डॉ . प्रतिभा स्वाति
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ReplyDeleteay khuda !
sirf beejo se /
fasl umda nahi hoti !
yeh
/ mazahbo ki deevar
/ rokti hae ,
khuli hava k rukh ko /
inhe tuh , aaj , abhi /
nestnabud kar dena !
hasrat meri /
tu aameen kah dena !
---------------------------------------------------- Dr. pratibha sowaty
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ReplyDeleteआधुनिक हाईगा
ReplyDeleteपोस्ट ही नही शानदार comments भी
ReplyDeleteबहुत सार्थक और सुंदर रचना
ReplyDeleteउत्कृष्ट प्रस्तुति
बधाई ---
oh / thnx jyoti sr
Deleteati sundar pratibha ji
ReplyDeletethnx sr
Deletepost aur comments , dono shandar
ReplyDeleteise bar -bar dekhne ko man karta h
ReplyDeletewah
ReplyDeleteww
ReplyDeleteshandar
ReplyDeletewah
ReplyDeletehttps://www.youtube.com/watch?v=IYNy2qJDe3k
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