वो मौसम है .... मेरे दिल का टुकड़ा ही , मुझको छलता है ! जैसे कोई मौसम है , जो रोज़ बदलता है ! इक गुनाह माफ़ करती हूँ , आ...
______________________________________________________________" मैंने लिखे हैं , तमाम _ हाइकू /हाईगा /तांका / चोका /सेदोका /सॉनेट और कविताएँ :)"_____ डॉ. प्रतिभा स्वाति" __________________________________ ______________
wlcm
बहुत खूब !मन का डर डराता है जीवन भर वहम होता है एकजो कहीं होता नहीं :)
thnx sr
bhut sunder.Vinnie
thnx vinnie ji
wlcm
ReplyDeleteबहुत खूब !
ReplyDeleteमन का डर डराता है
जीवन भर
वहम होता है एक
जो कहीं होता नहीं :)
thnx sr
ReplyDeletebhut sunder.
ReplyDeleteVinnie
thnx vinnie ji
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