Tuesday 15 April 2014

बीज स्वप्न का ...



कुछ / छोटा - बड़ा ,
नहीं  होता !
वक्त रुककर ,
खड़ा नहीं होता !

लहलहाती  नहीं ,
फस्ल / बातों  से !
बीज / स्वप्न का ,
कोई क्यूँ नहीं बोता ?

ये / प्रश्नों के ,
परिंदे  हैं !
रातों को ,
नहीं  सोते !

खोजते रहते ,
जवाबों को !
जवाबों के ,
नहीं  होते !
------------------------ डॉ . प्रतिभा स्वाति 



17 comments:

  1. पास जब जवाब हों तो सवालों की बात ही क्या है , " प्रतिभा " ही ऐसा शब्द है जिसमें हर जवाब बयाँ है ! , आ. प्रतिभा जी धन्यवाद !
    ~ ज़िन्दगी मेरे साथ - बोलो बिंदास ! ~ ( एक ऐसा ब्लॉग -जो जिंदगी से जुड़ी हर समस्या का समाधान बताता है )

    ReplyDelete
    Replies
    1. तहेदिल से शुक्रिया
      thnx 4 link :)

      Delete
  2. बहुत खूब ..इन प्रश्नोंके परिंदों को नींद नहीं आती ....
    लाजवाब ...

    ReplyDelete
  3. bhut achhi prastuti hai pratibha ji

    ReplyDelete
  4. lion rajkumar sarraf17/06/2014, 08:50

    khuch chota bada nahi hota,vaqt rukkar khada nahi hota,,lajabab dr, prtibha ji,,gahri abhivykti,

    ReplyDelete
  5. प्रश्नोंके परिंदों को नींद नहीं आती ....दिल को छूने वाली प्रस्तुति साभार! आदरणीया प्रतिभा जी!
    धरती की गोद

    ReplyDelete
  6. ये प्रश्नो के परिंदे है रातो को नही सोते।
    अद्भुत लेखन।

    ReplyDelete