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कौन था !
वो शख्स / जो , इस ब्लॉग की id saspend होने
अपना / भूल गया था ,
आपा / और मुझे दूसरी id bnani पड़ी है !
उसकी आँखों में ,
बस इक़ ख़्वाब ,
बसा करता था !!! 1 दूसरा ब्लॉग भी !
न इश्क- वफ़ा ,
न दीन-ओ-इमान ! जिसकी link मैने दी है !
जब भी निकलते ,
थे / लफ्ज़
लोग सुना करते थे ,
बस ...एक ही जुनूं,
वो / आठो पहर ,
----' इन्कलाब '--
कहा करता था !!!
------------------------ डॉ . प्रतिभा स्वाति
वो शख्स / जो , इस ब्लॉग की id saspend होने
अपना / भूल गया था ,
आपा / और मुझे दूसरी id bnani पड़ी है !
उसकी आँखों में ,
बस इक़ ख़्वाब ,
बसा करता था !!! 1 दूसरा ब्लॉग भी !
न इश्क- वफ़ा ,
न दीन-ओ-इमान ! जिसकी link मैने दी है !
जब भी निकलते ,
थे / लफ्ज़
लोग सुना करते थे ,
बस ...एक ही जुनूं,
वो / आठो पहर ,
----' इन्कलाब '--
कहा करता था !!!
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http://sowaty.blogspot.in/2013/11/blog-post_957.html
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बहुत बढ़िया प्रतिभा जी
ReplyDeleteनया प्रकाशन --: जानिये क्या है "बमिताल"?
zurur ashish bhai
Deleteइंकलाबी भाव ... अच्छी रचना ...
ReplyDeletethnx सर
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