लेखक / रचनाकार के लिये बनाया गया ये अधिनियम , आख़िर क्यूँ कानून की किताबों ही में , कसमसाकर रह गया ? क्यूँ इन्टरनेट पर ,इस बारे में कोई पुख्ता कदम नहीं उठाया गया ? क्यूँ writer इतना विवश या स्वार्थपर है ? क्यूँ रचना पर अनधिकृत चेष्टा करने वालों को नैतिकता का बोध नहीं ? कहाँ गए वे सिद्धांत ? कहाँ हैं वे संस्कार ? आखिर कमी कहाँ पर है ?
कब /लेखक ख़ुद अपने हक़ के लिये ..... उठाएगा आवाज़ ? ..... सवाल उठाना मेरा अभिप्राय नहीं है ! समाधान की ख़ोज / उकसा रही है मुझे ... ये सब लिखने के लिये ....
--------------------- डॉ. प्रतिभा स्वाति
अच्छा सवाल उठाया आपने , सटीक बात , आदरणीय धन्यवाद !
ReplyDeleteI.A.S.I.H - ब्लॉग ( हिंदी में समस्त प्रकार की जानकारियाँ )
thnx / आजकल आपका blog / OPEN नही होता मुझसे
ReplyDeletewah
ReplyDeletejoined
ReplyDeletepls contact me regarding your problem
ReplyDeleteabout copyright
ReplyDeletesure
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